'आशु' आशा गुप्ता

भावों के गर्भ से निकलती मेरी रचनाएं जब मुझसे बात करती हैं, तब वो एक कविता, ग़ज़ल या शायरी बन जाती है। कभी कुछ सोच के नहीं लिखा, जो लिखा दिल से, दिल के लिए, दिल ने लिखा।......लिखना सहज नदी की तरह मेरे भीतर सदा प्रवाहित होती रहती है.....शब्द के छींटे काग़जों पर पड़ते हैं बस इतना ही।

मंगलवार, 29 अक्टूबर 2013

कुछ फुटकर अशआर
प्रस्तुतकर्ता ashugasha24 पर 6:51 am कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

इन दिनों .....



प्रस्तुतकर्ता ashugasha24 पर 6:46 am कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें
नई पोस्ट पुराने पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें संदेश (Atom)

फ़ॉलोअर

मेरे बारे में

ashugasha24
India
अभिनय मेरा जुनून है और लिखना मेरा शौक
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2020 (18)
    • ►  दिसंबर (1)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  मई (15)
  • ►  2019 (1)
    • ►  अगस्त (1)
  • ►  2016 (1)
    • ►  फ़रवरी (1)
  • ►  2015 (7)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (2)
    • ►  अगस्त (4)
  • ►  2014 (5)
    • ►  अप्रैल (2)
    • ►  मार्च (1)
    • ►  जनवरी (2)
  • ▼  2013 (5)
    • ▼  अक्टूबर (2)
      • कुछ फुटकर अशआर
      • इन दिनों .....
    • ►  अगस्त (2)
    • ►  जनवरी (1)
  • ►  2012 (8)
    • ►  दिसंबर (3)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  जुलाई (3)
    • ►  जून (1)

कुल पेज दृश्य

Asha gupta 'ashu' . सरल थीम. merrymoonmary के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.