शनिवार, 5 दिसंबर 2020

चाय के बहाने

चाय के बहाने
जब बुलाया था तुमने 
अनजाने ही जैसे कोई 
रिश्ता निभाया था तुमने 
कप में उड़ेली थी जब 
सस्नेह भावों की धार 
मन अभिभूत हुआ पा के 
तुममें भाई का प्यार.. आशु 

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