अधूरी ज़िन्दगी हो जिसकी, अधूरी प्यास होती है
उजालों के लिए, तड़पने को हर एक सांस होती है
कई सपने नित आँखों में मेरे करवट बदलते हैं
कई टूटे हुए किनारों में, मिलन की आस होती है
निभाया भी जाता है, बिना मिल के भी रिश्तों को
अहसासों में लिपटी,...... ये निस्बत खास होती है
कदम दर कदम दो साथ....... यही बहुत है साहिब
तेरे साथ का दिन गुलज़ार, रात मधुमास होती है
सुकून मिल जाए तो ये जीवन कोहिनूर हो जाए
तरसती प्यार को ज़िन्दगी, गले का फांस होती है......आशा गुप्ता आशु
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